Wednesday, February 13, 2013

शहीद रोशन सिंह

हीद रोशन सिंह :- जन्म:१८९२-मृत्यु:१९२७(फासी) : उत्तर प्रदेश
काकोरी काण्ड के सूत्रधार पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व उनके सहकारी अशफाक उल्ला खाँ के साथ १९ दिसम्बर १९२७ को फाँसी दे दी गयी। ये तीनों ही क्रान्तिकारी उत्तर प्रदेश के शहीदगढ़ कहे जाने वाले जनपद शाहजहाँपुर के रहने वाले थे।
रोशन सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के ख्यातिप्राप्त जनपद शाहजहाँपुर में कस्बा फतेहगंज से १० किलोमीटर दूर स्थित गाँव नबादा में २२ जनवरी १८९२ को हुआ था।
बरेली में हुए गोली-काण्ड में एक पुलिस वाले की रायफल छीनकर जबर्दस्त फायरिंग शुरू कर दी थी जिसके कारण हमलावर पुलिस को उल्टे पाँव भागना पडा। मुकदमा चला और ठाकुर रोशन सिंह को सेण्ट्रल जेल बरेली में दो साल वामशक्कत कैद (Rigorous Imprisonment) की सजा काटनी पडी थी
फासी से पहले लिखा :
"जिन्दगी जिन्दा-दिली को जान ऐ रोशन!
वरना कितने ही यहाँ रोज फना होते हैं।"
हाथ में लेकर निर्विकार भाव से फाँसी घर की ओर चल दिये। फाँसी के फन्दे को चूमा फिर जोर से तीन वार वन्दे मातरम् का उद्घोष किया और वेद-मन्त्र - "ओ३म् विश्वानि देव सवितुर दुरितानि परासुव यद भद्रम तन्नासुव" - का जाप करते हुए फन्दे से झूल गये
इलाहाबाद में नैनी स्थित मलाका जेल के फाटक पर हजारों की संख्या में स्त्री-पुरुष युवा बाल-वृद्ध एकत्र थे ठाकुर साहब के अन्तिम दर्शन करने व उनकी अन्त्येष्टि में शामिल होने के लिये। जैसे ही उनका शव जेल कर्मचारी बाहर लाये वहाँ उपस्थित सभी लोगों ने नारा लगाया - "रोशन सिंह! अमर रहें!!" भारी जुलूस की शक्ल में शवयात्रा निकली और गंगा यमुना के संगम तट पर जाकर रुकी जहाँ वैदिक रीति से उनका अन्तिम संस्कार किया गया।
{{अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह और उनके साथियों ने कभी सोचा न होगा कि जिस धरती को आजाद कराने के लिए वह अपने प्राणों की बलि दे रहे हैं, उसी धरती पर उनके परिजन न्याय के लिए भटकेंगे और न्याय के बजाय जिल्लत झेलेंगे। दबंगों ने अमर शहीद रोशन सिंह की प्रपौत्री को न सिर्फ बेरहमी से पीटा, बल्कि सारे गांव के सामने फायरिंग करते हुए आग भी लगा दी। पुलिस ने चार दिन बाद एसपी के आदेश पर धारा 307 के तहत रिपोर्ट तो दर्ज की, लेकिन मनमानी तहरीर पर।}}
काकोरी कांड में फांसी की सजा पाने वाले अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री इंदू सिंह की ननिहाल थाना सिंधौली के पैना बुजुर्ग गांव में है। नानी ने इंदू की शादी गांव के ही धनपाल सिंह से कर दी थी। धनपाल को शराब पिला पिलाकर गांव के दबंगों ने उसकी जमीन मकान सब लिखा लिया। करीब सात साल पहले धनपाल की मौत हो गई। इंदू तीनों बच्चों के साथ सड़क पर आ गई। मेहनत मजदूरी करके वह बच्चों का पेट पालने लगी। गांव के ही भानू सिंह ने गांव से लगे अपने खेत की बोरिंग पर एक मड़ैया डलवा दी। उसी में रहकर इंदू अपने बच्चों को पाल पोस रही है। पेट पालने के लिए उसके मासूम बच्चों को भी मजदूरी करनी पड़ती है। इंदू नरेगा मजदूर है।
फिलहाल इंदू तो जैसे तैसे अपने बच्चों को पाल पोस रही थी, लेकिन गांव के दबंगों को यह रास नहीं आया। गांव के सोनू सिंह और अनुज सिंह समेत चार पांच लोगों ने सरेशाम हमला कर इंदू सिंह को बेरहमी से पीटा, फायरिंग की और इसके बाद झोपड़ी में आग लगा दी। यह नजारा सैकड़ों लोगों ने देखा। उसकी गृहस्थी जलकर खाक हो गई। पहनने को कपड़े और खाने को दाना तक नहीं बचा। वह रात में ही थाने गई, लेकिन उससे पहले ही दबंगों के पक्ष में सत्ता पक्ष के एक विधायक राममूति सिंह वर्मा का फोन आ चुका था। पुलिस ने उसे टरका दिया। पुलिस तीन दिन तक उसे टरकाती रही। चौथे दिन वह एसपी से आकर मिली। एसपी के आदेश पर पुलिस रिपोर्ट लिखी, लेकिन इंदू की दी तहरीर पर नहीं। पुलिस ने उससे सादे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और उसी पर मनमानी तहरीर लिख ली। छह में से सिर्फ दो आरोपियों को ही नामजद किया। पुलिस ने धारा 307 लगाई, लेकिन बाद में जांच में सारी धाराएं किनारे कर दीं और एक आरोपी का शांतिभंग में चालान कर इतिश्री कर ली।उसके बच्चों के पास पहनने को कपड़े तक नहीं हैं। घर में कुछ बचा नहीं है, इसलिए परिवार गांव में इधर उधर से मांग कर खाना खा रहा है।

{अब कहने को कुछ बाकी नही है ... आँखे नम है इन शहीदों का हमें गम है .}

Tuesday, January 1, 2013

चलो 2012 गया थोड़ा हिसाब-किताब तो बता दूँ

चलो 2012 गया थोड़ा हिसाब-किताब तो बता दूँ ,,,

बीते वर्ष में अमन पसंद इस्लामिक मुल्क के अमन पसंद नागरिको का आपस में लड़ कर मरने का आकडा :-

पाकिस्तान :- 5711
अफगानिस्तान :- 6799
सीरिया :- 59000 से अधिक टोप में
मिस्त्र :- 4566
लीबिया :- 19000 से अधिक
ईरान :- 1987
ईराक :- 4567
इंडोनेशिया :- 1734 ( 2069 गैर मुस्लिम भी )
उज्ज्बेकिस्तान :- 1103
फलिस्तीन :- 1300 से अधिक
मलेशिया मयंमार :- 2200 से अधिक
1000 से कम मौत वाले मुल्को का नाम बदनामी के डर से गोपनीय रखा गया है |.. आप समझ सकते हैं क्यों !

नोट :- ये आँकडे अक्टूबर तक के हैं, नवम्बर और दिसम्बर के आँकडे इसमें नहीं हैं 

Monday, December 31, 2012

कसाब के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की


  • सेकुलरो ने कोच्ची की एक मस्जिद में पोरकी दरिन्दे कसाब
    के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की - Internet Hindus
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  • Prayers for Ajmal Kasab in KOCHI

    Police have launched an investigation into the offering of prayers at a mosque here for Ajmal Kasab, who was hanged for carrying out the Mumbai terror attack in 2008.

    When the incident leaked out, police began a probe and questioned the mosque's authorities and those who had participated in the prayers.

    After the namaz, prayers were offered for departed souls and the priest had reportedly included the name of Kasab.
मित्रों, केंद्र की कांग्रेस सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी"भारतीय जनता पार्टी" की ओर से श्रीमती सुषमा स्वराज (विपक्षी नेता, लोकसभा, एन.डी.ए. ) और श्री अरुण जेटली (विपक्षी नेता, राज्यसभा, एन.डी.ए.) के द्वारा रखी गयी तीनों मांगो को नामंजूर कर दिया गया है:

मांग नं. १. बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान. साथ ही महिलाओं के साथ हिंसा करने वालों को बिना पीड़ित महिला की इजाजत के जमानत ना दी जाए का भी प्रावधान हो.

मांग नं. २: कनून को बदलने के लिए केंद्र सरकार तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाये , जिसमे गहन चर्चा होकर कानून परिवर्तित किये जा सकें, जिससे दामिनी के साथ-२ अन्य पीड़ित और कष्ट भोग रही महिलाओं को जल्दी न्याय मिले.

मांग नं. ३ : केंद्र की कांग्रेस की यू.पी.ए. सरकार जल्द ही सभी राजनीतिक पार्टियों की एक मीटिंग बुलाये जिसमें कठोर से कठोर सजा के कानून के मसोदे पर सभी पार्टियों की राय ली जाये...!!

मित्रों, आखिरकार कांग्रेस पार्टी क्या हिटलर राज चाहती है इस देश में, कि वो जो कहेगी वो ही होगा....!!

Sunday, December 30, 2012


गृह मंत्री :- मेरी भी तीन बेटिया है|
प्रधानमंत्री: मेरी भी तीन बेटिया है|
पहला सवाल क्या आपकी बेटिया डी टी सी की बसों में चढ़ती हैं
नहीं प्रधानमंत्री जी, नहीं गृह मंत्री जी आपकी बेटिया हौंडा सिटी गाड़ियों "जेड ग्रेड" सेक्युरिटी कवर में जाती हैं |
दूसरा क्या अगर आपकी बेटियों के साथ ये हुआ होता तो भी क्या आप टी वी पर ऐसे ही और इतनी ही आसानी से इंटरव्यू दे रहे होते|
नहीं अगर महात्मा गाँधी की हत्या होती है तो हजारो ब्राह्मणों को मार दिया गया, इंदिरा जी मरी तो हजारो सिख मारे गए...
लेकिन दामिनी कौन है, अरे उसके मरने से क्या फर्क पड़ता है...!!! — with जिया शर्मा विद्रोही प्रथम