Monday, December 31, 2012

कसाब के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की


  • सेकुलरो ने कोच्ची की एक मस्जिद में पोरकी दरिन्दे कसाब
    के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की - Internet Hindus
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  • Prayers for Ajmal Kasab in KOCHI

    Police have launched an investigation into the offering of prayers at a mosque here for Ajmal Kasab, who was hanged for carrying out the Mumbai terror attack in 2008.

    When the incident leaked out, police began a probe and questioned the mosque's authorities and those who had participated in the prayers.

    After the namaz, prayers were offered for departed souls and the priest had reportedly included the name of Kasab.
मित्रों, केंद्र की कांग्रेस सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी"भारतीय जनता पार्टी" की ओर से श्रीमती सुषमा स्वराज (विपक्षी नेता, लोकसभा, एन.डी.ए. ) और श्री अरुण जेटली (विपक्षी नेता, राज्यसभा, एन.डी.ए.) के द्वारा रखी गयी तीनों मांगो को नामंजूर कर दिया गया है:

मांग नं. १. बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान. साथ ही महिलाओं के साथ हिंसा करने वालों को बिना पीड़ित महिला की इजाजत के जमानत ना दी जाए का भी प्रावधान हो.

मांग नं. २: कनून को बदलने के लिए केंद्र सरकार तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाये , जिसमे गहन चर्चा होकर कानून परिवर्तित किये जा सकें, जिससे दामिनी के साथ-२ अन्य पीड़ित और कष्ट भोग रही महिलाओं को जल्दी न्याय मिले.

मांग नं. ३ : केंद्र की कांग्रेस की यू.पी.ए. सरकार जल्द ही सभी राजनीतिक पार्टियों की एक मीटिंग बुलाये जिसमें कठोर से कठोर सजा के कानून के मसोदे पर सभी पार्टियों की राय ली जाये...!!

मित्रों, आखिरकार कांग्रेस पार्टी क्या हिटलर राज चाहती है इस देश में, कि वो जो कहेगी वो ही होगा....!!

Sunday, December 30, 2012


गृह मंत्री :- मेरी भी तीन बेटिया है|
प्रधानमंत्री: मेरी भी तीन बेटिया है|
पहला सवाल क्या आपकी बेटिया डी टी सी की बसों में चढ़ती हैं
नहीं प्रधानमंत्री जी, नहीं गृह मंत्री जी आपकी बेटिया हौंडा सिटी गाड़ियों "जेड ग्रेड" सेक्युरिटी कवर में जाती हैं |
दूसरा क्या अगर आपकी बेटियों के साथ ये हुआ होता तो भी क्या आप टी वी पर ऐसे ही और इतनी ही आसानी से इंटरव्यू दे रहे होते|
नहीं अगर महात्मा गाँधी की हत्या होती है तो हजारो ब्राह्मणों को मार दिया गया, इंदिरा जी मरी तो हजारो सिख मारे गए...
लेकिन दामिनी कौन है, अरे उसके मरने से क्या फर्क पड़ता है...!!! — with जिया शर्मा विद्रोही प्रथम
मीनाक्षी मारवाङी के कुछ हास्य दोहे -

१. पूर्ण सफलता के लिये, दो चीजें रखे याद | 
मंत्री की चमचागीरी, पुलिस का आशिर्वाद ||

२. कर्जा देता मित्र को, वो मूरख कहलाये |
महामूर्ख वो मित्र है, जो पैसा लौटाये ||

३. बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोये |
पंगा ले कर पुलिस से, साबुत बचा ना कोये ||

४. बुरे समय को देख कर, गंजे तू क्यों रोये |
किसी भी हालत में तेरा, बाल ना बांका होये ||

५. दोहों को स्वीकारिये, या दीजै ठुकराये |
जैसे मुझसे बन पड़े, वैसे दिये बनाये ||

@ मीनाक्षी मारवाङी


मोमबत्ती जलाओ ..

भ्रष्टाचार मिटाओ,, काला धन वापस लाओ....बलात्कार­ियों को फांसी दिलाओ ..जन लोकपाल बिल लाओ

ठीक है भाई.. मोमबत्ती भी जला कर देख लो .... कुछ हो जाए तो हमें सूचित अवश्य कर देना

द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आयंगे

छोडो मेहँदी खडक संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाये बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जायेंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे |

कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से,
कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचायेंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आयेंगे |

कल तक केवल अँधा राजा,अब गूंगा बहरा भी है
होठ सील दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझायेंगे?
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे |
अब समय आ गया है हिंदुस्तान का
और हम सब का भविष्य बदलने का ....
मोमबत्ती जलाओ ..

भ्रष्टाचार मिटाओ,, काला धन वापस लाओ....बलात्कार­ियों को फांसी दिलाओ ..जन लोकपाल बिल लाओ 

ठीक है भाई.. मोमबत्ती भी जला कर देख लो .... कुछ हो जाए तो हमें सूचित अवश्य कर देना

द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आयंगे

छोडो मेहँदी खडक संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाये बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जायेंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे |

कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से,
कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचायेंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आयेंगे |

कल तक केवल अँधा राजा,अब गूंगा बहरा भी है 
होठ सील दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझायेंगे? 
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे |
अब समय आ गया है हिंदुस्तान का 
और हम सब का भविष्य बदलने का ....
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एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए उजड़े, वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये ! हंसिनी ने हंसको कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ? यहाँ न तो जल है,
न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं ! यहाँ तो हमाराजीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते २ शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज कि रात बितालो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !
रात हुई तो जि
स पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर २ से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा, अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है।
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों कि बात सुन रहा
था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझेमाफ़ करदो।
हंस ने कहा, कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद !
यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा, पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।
हंस चौंका, उसने कहा, आपकी पत्नी? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही
है !
उल्लू ने कहा, खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग इक्कठा हो गये। कई गावों की जनता बैठी।
पंचायत बुलाई गयी। पंच लोग भी आ गये ! बोले, भाई किस बात का विवाद है ?
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है ! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पञ्च लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।
हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना है ! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों कि जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है ! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।
उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली ! रोते- चीखते जब वहआगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई !
ऐ मित्र हंस, रुको ! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा, नहीं मित्र,ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी !
लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है !
मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है ।
यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पञ्च रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं !
शायद ६५ साल कि आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है।
इस देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं।
हर पढने वाला ध्यान से मनन करे क़ि इस बिगड़ी हुई व्यवस्था को सुधारने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

Via- shankhnad

Thursday, December 27, 2012

क्यों किया सिंगापुर भेजने का फैसला, अब खुली असल वजह

गैंगरेप की शिकार हुई पैरामेडिकल छात्रा को मंगलवार रात आए हार्ट अटैक के बाद उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम घबरा गई थी।
इस वजह से तुरंत राजधानी के शीर्ष डॉक्टरों को बुलाया गया। इनमें मेदांता अस्पताल के डॉ. नरेश त्रेहन भी शामिल थे। लेकिन सभी डॉक्टरों ने पीडि़ता की हालत देखने के बाद मशविरा दिया कि उसके सर्वाइवल के लिए जरूरी है कि उसे तुरंत मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा देने वाले अस्पताल में शिफ्ट किया जाए।

देश में किसी भी अस्पताल में ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते यह फैसला किया गया कि उसे सिंगापुर शिफ्ट किया जाए, जो सबसे नजदीक है और कम से कम समय में पहुंचा जा सकता है। पीडि़ता को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखकर सिंगापुर शिफ्ट किया गया।

सफदरजंग अस्पताल में पीडि़ता का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उसे सेप्सिस हो गया था, संक्रमण पूरे शरीर में फैल चुका था, प्लेटलेट्स नहीं बन रहे थे और डब्ल्यूबीसी लगातार घट-बढ़ रहे थे।

इसके बाद दिल का दौरा पडऩे पर डॉक्टरों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि इस स्थिति से कैसे निपटा जाए। उधर, सिंगापुर से अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया है कि पीडि़ता की हालत क्रिटिकल बनी हुई है हालांकि वहां उसका इलाज शुरू हो गया है।

http://www.bhaskar.com/article/DEL-doctors-decided-to-send-gang-rape-victim-to-singapore-after-heart-attack-4128553-PHO.html?SBD=

Wednesday, December 26, 2012

कृषि अनुसंधान केंद्र की वैज्ञानिक और लायंस क्लब की अध्यक्ष डॉ अनीता शुक्ला का घटिया और वाहियात बयान ---

"पीडिता अगर सात बलात्कारियों से घिर गयी थी तो समर्पण कर देना चाहिए था , हौले से बलात्कार करवा लेना चाहिए था ! इतना हंगामा ना करती तो आंत न निकालनी पड़ती ! स्वस्थ रहती। गलती लड़की की है , लड़कों की नहीं, न ही पुलिस की!"
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इतना शर्मनाक बयान देने वाली डॉ अनीता पर थूकना चाहिए , जो स्त्रियों को इज्ज़त लुटने वक़्त समर्पण की सलाह दे रही हैं!
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नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दिखा 2014 का एनडीए



नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दिखा 2014 का एनडीए

16 मंत्रियों के साथ नरेंद्र मोदी ने चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। उनके शपथ ग्रहण में मौजूद नेताओं की लिस्ट पर नजर डालने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे कि यह 2014 के एनडीए की तस्वीर हो। लालकृष्ण आडवाणी समेत बीजेपी के सभी दिग्गज नेता, पार्टी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के अलावा पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल तो मौजूद थे ही, आईएनएलडी के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाल, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके की नेता जे. जयललिता और एमएनएस नेता राज ठाकरे ने भी पहुंचकर भविष्य की राजनीति के संकेत दे दिए। जैसा कि अपेक्षित था, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जेडी (यू) का कोई भी नेता नहीं पहुंचा। इससे यह एक बार फिर साफ हो गया है कि एनडीए की ओर से मोदी को प्रधानमंत्री के संभावित उम्मीदवार के रूप में प्रॉजेक्ट करने को लेकर नीतीश के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।

सरदार पटेल मैदान में मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 2014 की सियासत का महामंच दिखा। जेडी(यू) को छोड़कर पूरा एनडीए वहां मौजूद था। सबसे चौंकाने वाली रही शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, आरपीआई नेता रामदास अठावले और एमएनएस के मुखिया राज ठाकरे की एक साथ मौजूदगी। बुलाए गए लोगों में उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटानयक नहीं पहुंचे, पर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि वह मोदी के विरोध में नहीं हैं। उन्होंने गुजरात की जीत के बाद मोदी को सबसे पहले बधाई दी थी। जानकारों का कहना है कि वह मोदी के साथ खड़ा होते दिखने से पहले हर विकल्प के नफा-नुकसान पर गौर कर लेना चाहते हैं।

मुस्लिम वोटों के गणित को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी का नहीं आना तय था, हालांकि यह भी पता नहीं चल पाया है कि मोदी ने उन्हें न्योता भेजा था कि नहीं। नीतीश के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी प्रतिक्रिया और रुख को जानते हुए मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आमंत्रण ही नहीं भेजा था। मोदी की चौथी पारी के शपथ ग्रहण समारोह में जिन-जिन पार्टियों के नेता शामिल हुए उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन पार्टियों की मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री के प्रत्याशी के रूप में सहमति है।


समारोह में पार्टी की तरफ से लालकृष्ण आडवाणी, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और वैंकेया नायडू समेत सभी बड़े नेता शामिल हुए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह के अहमदाबाद पहुंचने को इससे जोड़ कर देखा जा रहा है कि इन दोनों को मोदी के नेतृत्व से कोई समस्या नहीं है। इन दोनों के अलावा गोवा के सीएम मनोहर पार्रिकर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

Saturday, December 22, 2012

Man Vs Dog

केजरीवाल ने बंद कि वेब साईट



BREAKING NEWS : - kejriwal shut down his website deliberately hiding info of his dealing !!

Question which arises here why he is trying to hide info when he is so honest ?? if his intentions were so noble ??
when he is trying to hide info then why dont we consider him a man with double face & his intention is doubtful ??

all the links given below ,

http://www.fordfoundation.org/grants/grantdetails?grantid=107117

http://www.kabir.org.in/ right now 30/11/2012 kejriwal shut down his website deliberately hiding info of his dealing made me MNC etc....
Kabir site info http://www.indiarti.com/node/498
http://syg.com/web/mstrust/manju/scmadmin/AboutUs.htm
ये लो जी सबूत लो के kejriwal के NGO को विदेशी ताकते पैसा देती है!!!!!!!!!!!!

और इस पैसे का हिसाब इनके उस ब्योरे में नही है जिसका ये ढोल पिटते रहते है के वेबसाइट पर सब कुछ डाला हुआ है!!!
"ये लो जी सबूत लो के kejriwal के NGO को विदेशी ताकते पैसा देती है!!!!!!!!!!!!

और इस पैसे का हिसाब इनके उस ब्योरे में नही है जिसका ये ढोल पिटते रहते है के वेबसाइट पर सब कुछ डाला हुआ है!!!

Pratibha Patel Ki Karni



Congress ko vote dene ka result

Ye kaisa Justice

Friday, December 21, 2012

संजय निरुपम व चिताम्बरम


संजय निरुपम व चिताम्बरम


गुजरात चुनाव के बाद -

छिछोरापन किसी कहते है वो कल की कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री संजय निरुपम जी की मनानिये स्मृति इरानी जी के साथ ऐ बी पी न्यूज़ (स्टार न्यूज़) के प्राइम टाइम पर देख लेते जिस पर की इस नेता ने स्मृति इरानी को इतनी भद्दी बाते कही की यदि वो सोनिया गाँधी के बारे में बोल दी जाती तो कांग्रेसियो आंखे फट जाती। महिला होने के लिए उनके बारे में इतना भद्दा बोल की हर महिला शर्म से गड जाए यह है कांग्रेस की निर्लाजता। और वास्तव में जो संजय निरुपम ने कहा उस से उनकी मानसिकता और दिल्ली बस काण्ड के बलात्कारियो की मानसिकता को भिन्न नहीं माना जा सकता। हम तो कई साल से कहे रहे है की कांग्रेस ने प्रवक्ता के नाम पर गुंडे पाल रखे है। जो गुंडई से पत्रकारों और दुसरे दलों के नेताओ का टीवी पर धमकाते और गिरियते है। दूसरी और शकील साहिब है जो दुसरे को बोलने का अधिकार ही नहीं देते जानबूझ कर इतना बोलते है की टीवी का समय ही ख़त्म हो जाये पर प्रलाप इनका जारी रहेता है। 






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इनके एक और स्वंभू ज्ञानी नेता है श्री चिताम्बरम बोल रहे है के हमने भाजपा को एक सीट कम आने से रोक (मतलब 117 से कम पर रोक पर वो भूल गए की जरुरी सीट तो 92 ही चाहिए) और यह कांग्रेस की उपलब्धि है। अब लोग गोबर में भी विटामिन ढूंढ़ कर उसका स्वाद ले रहे है तो हम तो रोक नहीं सकते। कांग्रेस के नेता इस हार से इतने निरलज हो गए की गुजरात के जनता को ही गाली देने लगे। के गुजरात के कुछ लोगो ने ही तो मोदी जी को वोट दिया सभी गुजरातियो ने तो नहीं दिया। अरे भाडू नेता देश का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पुरे भारत के प्रधानमंत्री है या कुछ कांग्रेसियो का ही है। मोदी तो फिर भी चुनाव में लड़कर मुख्यमंत्री बना है एक नहीं 3 बार पर आप तो अपने नाजुक मनमोहन सिंह को चुनाव में भेजने की कुव्वत नहीं रखते। बार बार राज्ये सभा से लाकर देश पर थोपते हो। 

गुजरात चुनाव खत्म होते ही

गुजरात चुनाव खत्म होते ही केंद्र सरकार और कांग्रेस अपने असली रंग के आ गये है .. कल रात रेल मंत्री सीपी जोशी ने रेल भाड़े में भारी वृद्धि की मंजूरी दे दी |

स्लीपर में १० किमी से उपर १०%, जनरल में ८%, मुंबई लोकल में १२%, एसी में २३% की भारी वृद्धि के आलावा मालभाड़े में २०% की भारी वृद्धि १ जनवरी से लागु होगी |

मित्रो, सोचिये ये सीपी जोशी गुजरात चुनावो में गुजरात में वेट को लेकर अपनी छाती कूट रहा था और महंगाई को कम करने का वायदा कर रहा था |

सोचए जरा...

Thursday, December 20, 2012

शिला दीक्षित के अनुसार ६०० रूपये में खाना..

600 रूपए में पांच लोगो का एक परिवार एक महीने तक भरपेट भोजन कर सकता है;;;;;
दशा भी बदले, दिशा भी बदले.......

किलो आटा : 23/- रुपये 5 सदस्य वाले परिवार के लिए कम से कम एक महीने में 25 किलो आटा लगता है मतलब 25 किलो आटा = 575/- रुपये 1 किलो नमक : 15/- रुपये 1 सिलेंडर : 900/- रुपये कुल = 1490/- रुपये यदि एक परिवार पूरे महीने केवल नमक से रोटी खाता है तब भी उस परिवार को 1490/- रुपये चाहिए ही चाहिए पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कहती है की 600/- रुपये 5 सदसीय परिवार का पूरे महीने तक पेट भरने के लिए काफी हैं l

शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जो ऐसे लोगों को वोट देते हैं l


पुलिस के हाथ में डंडा क्यों ?


आप में से कोई यह जानता हैं कि पुलिस के हाथ में डंडा क्यों रहता हैं? किसी और अधिकारी के हाथ में क्यों नहीं रहता?

आप किसी भी पुलिस के अधिकारी, constable के हाथ में डंडा देख सकते हैं। Constable हैं तो बड़ा डंडा होगा और बड़ा अधिकारी हैं तो छोटा rull होगा।

आप उनसे पूछिये कि आप के पास डंडा क्यों हैं, तो वो नहीं बता सकते की क्यों हैं।

राजीव जी ने अपने एक व्याख्यान में बताया था कि Police Manuall में लिखा हुआ हैं कि सभी पुलिस अधिकारियों को डंडा लेना जरूरी हैं।
उन्होंने बताया हैं कि Indian Police Act के 1860 के नियम के अनुसार सभी पुलिस वालों को एक अधिकार प्राप्त हैं जिसे कहते हैं Right to Offens. उसमें लिखा हुआ हैं कि इस कानून के अनुसार Police तो हैं अंग्रेजों की और डंडा जिस पर चलेगा वो हैं भारतीय लोग।

तो उसके अनुसार पुलिस वाले जब चाहे तब किसी को भी पीट सकते हैं।

इसके अनुसार पुलिस वालों को हमें मारने (Right to offens) का तो अधिकार हैं, लेकिन हमें अपना बचाव(Right to diffens) करने का अधिकार नहीं हैं।

इस तरह से कोई भी पुलिस का अधिकारी जब चाहे तब किसी पर भी डंडा चला सकता हैं। 

अगर पुलिस का कोई आदमी मेरे पर डंडा चलाता हैं और मैं उसका डंडा पकड़ लेता हूँ, तो केस मेरे पर दर्ज होगा कि मैंने पुलिस को उसका काम करने से रोका।

यह कानून पूरे देश में वैसे का वैसा ही हैं। इसमें जब से लेकर अब तक कोई भी बदलाव नहीं किया गया हैं।

दोस्तों इस बात को देश के कोने कोने में पहुचायें की हमारे देश का कानून अंग्रेजों की बेडियों में कितना जकडा हुआ हैं।

जय हिन्द मित्रों।।

मैं हिन्दुस्थान का हिन्दू हूँ,मैं आतंकी हूँ

मैं हिन्दुस्थान का हिन्दू हूँ,मैं आतंकी हूँ 
मैं सर्व धर्म समभाव सिखाता .. मानवता की बात बताता, 
हर धर्मस्थल पर शीश नवाता,आतंकी हूँ... 
मैं हिन्दुस्थान का हिन्दू हूँ,मैं आतंकी हूँ... 

वो धरा गोधरा की हो या, वो जनमभूमि हो राम की. 
हो मथुरा काशी की धरती, या सोमनाथ के धाम की.. 
हर बार में अपनी बलि चढ़ाता आतंकी हूँ 
मैं हिन्दुस्थान का हिन्दू हूँ,मैं आतंकी हूँ..... 

मैं सत्य अहिंसा के दर्शन को , जीने का आधार बनता 
बाबर अब्दाली के वंशज को भी, मैं अपने गले लगाता 
नित नए नए अत्याचारों पर, धैर्य दिखता,सहता जाता आतंकी हूँ.. 
मैं हिन्दुस्थान का हिन्दू हूँ,मैं आतंकी हूँ 

पर बहुत हो चुकी धैर्य परीक्षा, अब चन्दन अनल दिखायेगा. 
भाई भाई के नारे को, अब फिर से परखा जायेगा. 
गर भाई हो कौरव जैसा, तो अर्जुन शस्त्र उठाएगा.. 
गाँधी का ये गाँधी दर्शन, अब चक्र सुदर्शन लायेगा. 
डंडे वाला बूढ़ा गाँधी , अब सावरकर बन जायेगा. 
शत वर्षों से सहते आये, अब और नहीं सहा जायेगा. 
अब हिन्दुस्थान का हर हिन्दू, राणा प्रताप बन जायेगा.
तब बाबर की जेहादी सेना में, उथल पुथल हो जाएगी. 
गुजरात की कुछ बीती यादें, फिर से दोहराई जाएँगी. 
जौहर की बाते बीत गयी, अब चंडी शस्त्र उठाएगी 
गर हुआ जरुरी तो बहने, प्रज्ञा ठाकुर बन जाएँगी..... 
पर पांडव ने भी कौरव को, अंतिम सन्देश सुनाया था. 
खुद योगेश्वर ने जाकर भी, दुर्योधन को समझाया था. 
तुम हिंसक आतातायी हो, तुम कौरव हो पर भाई हो. 
यदि जीना है तो जीने दो, या मरने को तैयार रहो.. 
ये बात सभी को समझाता मैं आतंकी हूँ 
मैं हिन्दुस्थान का हिन्दू हूँ,मैं आतंकी हूँ..