Monday, December 31, 2012

मित्रों, केंद्र की कांग्रेस सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी"भारतीय जनता पार्टी" की ओर से श्रीमती सुषमा स्वराज (विपक्षी नेता, लोकसभा, एन.डी.ए. ) और श्री अरुण जेटली (विपक्षी नेता, राज्यसभा, एन.डी.ए.) के द्वारा रखी गयी तीनों मांगो को नामंजूर कर दिया गया है:

मांग नं. १. बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान. साथ ही महिलाओं के साथ हिंसा करने वालों को बिना पीड़ित महिला की इजाजत के जमानत ना दी जाए का भी प्रावधान हो.

मांग नं. २: कनून को बदलने के लिए केंद्र सरकार तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाये , जिसमे गहन चर्चा होकर कानून परिवर्तित किये जा सकें, जिससे दामिनी के साथ-२ अन्य पीड़ित और कष्ट भोग रही महिलाओं को जल्दी न्याय मिले.

मांग नं. ३ : केंद्र की कांग्रेस की यू.पी.ए. सरकार जल्द ही सभी राजनीतिक पार्टियों की एक मीटिंग बुलाये जिसमें कठोर से कठोर सजा के कानून के मसोदे पर सभी पार्टियों की राय ली जाये...!!

मित्रों, आखिरकार कांग्रेस पार्टी क्या हिटलर राज चाहती है इस देश में, कि वो जो कहेगी वो ही होगा....!!

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